RBI ने होम लोन को लेकर लिया बड़ा फैसला, करोड़ों लोगो की हुई मौज 2025
RBI: हम सभी का सपना होता है कि हमारा अपना एक शानदार घर हो, है ना? चाहे हम नौकरी कर रहे हों या बिजनेस, हर किसी की ख्वाहिश होती है कि उनके परिवार के लिए एक बेहतरीन घर हो। लेकिन जब पैसे कम पड़ते हैं, तो बैंकों से होम लोन लेना एक आम बात हो जाती है। हालांकि, अक्सर बैंकों को ग्राहकों के सपनों को पूरा करने के बजाय अपने फायदे का ख्याल आता है। इसीलिए, भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने हाल ही में होम लोन से जुड़ी कुछ नई गाइडलाइन्स जारी की हैं, ताकि ग्राहकों के हक की सुरक्षा हो सके।

RBI हमेशा ग्राहकों के अधिकारों की रक्षा करने के लिए बैंकों के लिए नई गाइडलाइन्स जारी करता है। अब, इन नई गाइडलाइन्स से करोड़ों उपभोक्ताओं को राहत मिलेगी और उनके पैसे भी बचेंगे। इसके साथ ही, बैंकों की मनमानी पर भी लगाम लगेगी, जिससे आर्थिक नुकसान कम होगा।
तो, क्या हुआ RBI के निरीक्षण में? दरअसल, RBI ने एक सालाना जांच की थी और पाया कि कुछ बैंक और लोन देने वाली कंपनियां ग्राहकों से गलत तरीके से ब्याज ले रही थीं। इस मामले को लेकर RBI ने सख्त कदम उठाए और नई गाइडलाइन्स जारी की हैं। अब से, बैंक या अन्य कंपनियां होम लोन पर ब्याज सिर्फ उस तारीख से ही ले सकेंगी, जब पैसे ग्राहक के खाते में आएं, न कि लोन मंजूरी या चेक की तारीख से।
अब, ये भी सामने आया है कि कई बैंकों में लोन तो मंजूर हो जाता था, लेकिन पैसे खाते में आने में काफी वक्त लग जाता था। और फिर ब्याज भी लोन मंजूरी की तारीख से वसूला जाता था। मगर RBI ने इस पर सख्त दिशा-निर्देश जारी किए हैं, ताकि ब्याज सिर्फ पैसे आने के दिन से ही लिया जाए।
इसके अलावा, RBI के निरीक्षण में यह भी पाया गया कि कुछ बैंक लोन देने की तारीख से पहले ब्याज वसूल रहे थे। तो अब RBI ने चेक के बजाय ऑनलाइन ट्रांसफर से लोन देने के नए दिशा-निर्देश जारी किए हैं, ताकि ऐसे मामलों से बचा जा सके।
अब बात करते हैं प्रोसेसिंग फीस की। एसबीआई (SBI) होम लोन पर 0.35% प्रोसेसिंग फीस लेता है, जो कम से कम 2000 रुपये और अधिकतम 10000 रुपये तक हो सकती है। वहीं, एचडीएफसी (HDFC) बैंक 1% तक प्रोसेसिंग फीस वसूलता है, जो न्यूनतम 7500 रुपये होती है। आईसीआईसीआई (ICICI) बैंक 0.50% से लेकर 2% तक प्रोसेसिंग फीस लेता है या फिर 3000 रुपये, जो भी ज्यादा हो। और पंजाब नेशनल बैंक (PNB) लोन की राशि का 1% और जीएसटी प्रोसेसिंग फीस के रूप में लेता है।
तो, अब आप समझ गए होंगे कि RBI ने किस तरह से ग्राहकों के हक को बचाने के लिए ये नई गाइडलाइन्स जारी की हैं।